कुदरत से खिलवाड़ कर के हम समझते अपने आप को खिलाड़ी ! कुदरत ने ज़रा सी करवट क्या बदली, हमारी मटियामेट हो गयी अगाड़ी पिछाड़ी !! भूकंप को भुगत चुके, कोरोना भी भोग लिया ! सारी दुनिया को कैदखाना घोषित किया गया !! अंतिम संस्कार में रोने पे चुप कराने वाला भी नहीं ! कुदरत के प्रकोप की लीला सारी दुनिया ने देख ही ली !! आज भी पेयजल की दस लाख बोतलें हर मिनट फ़ेंक रहे ! नष्ट ना होने वाले प्लास्टिक से प्रकृति का नाश कर रहे !! भला हो भूकंप कोरोना सुनामी चक्रवात टल जायें ! आओ सब शपथ लें, प्रकृति को तकलीफ न पहुँचायें !! #plastic #environment #coronavirus #aaveshvaani #yqaestheticthoughts #yqquotes #yqrestzone