पहिने स’ बेसी खराब क’ क’, पछतावा स किछु नहि भेटत। सब कियो सुख मे मुस्कुरा रहल अछि, ई चमत्कार क' क' दुख आ हँसी देखाउ। जे होइ छै, होबए पड़त। केश मुंडन केलाक बाद की होयत किछु प्रश्नक उत्तर नहि होइत छैक, कियैक नहि अपना आप सँ ई सवाल पूछि क अछि आँखि मे प्रेम नहि देखलनि, नोरसँ आँखि लाल भऽ जाएत तँ की हेतै। हत्यारा तलवार किएक नहि चलाबैत अछि ©Navneet Jha #SunSet