फ़िलहाल ..... मैं ग़म के उस दहलीज़ पर खड़ा हूँ जहा मैं अपना ग़म भी बयां नहीं कर सकता हूँ बस एक बेबस लाचार के तराह सिर्फ सह सकता हूँ न रो सकता हूँ न खुल के हँस सकता हूँ न मर सकता हूँ न खुल के जी सकता हूँ न कोई मुझे समझ सकता है न मैं किसी को समझा सकता हूँ बस,कोई अगर पुछे हाल मेरा ' मैं टिक हूँ ' :) और इसे ज्यादा कुछ कह नही सकता हूँ ....... ©BIKASH SINGH #फ़िलहाल