☀️ कुछ राज़ ऐसे, जो मुद्दतों से क़ैद ए जिग़र किये चला तू। वो राज़ आज बाज़ार ए आम हैं। जो नाम ए शौहरत के एवज मेँ, क़त्ल किये ताल्लुक़ात। उन जशन ए यरिओं के शहर मेँ, तेरी नफ़्ज़ का हर ज़र्रा बदनाम है। फिर भी जब पूछता हूँ, तबियत तेरी मैं, तू कहता है के आराम है। तेरी खुशफ़हमी को, मेरा सलाम है। 💮नज़रत 💮 ☀️ #horror खुशफ़हमी..