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जमीं पर वक्त निकल आया मेरा पंखों को खोले, बाजू स

जमीं पर वक्त निकल आया मेरा  
पंखों को खोले, बाजू सुस्ताए
करवटों को गिन पा रहा हूं
वक्त को बाधने जा रहा हूं 
रुक सा गया है मौसम रोशनी धूप अंधेरा
दिये की बाती भी बहुत चल रही है आजकल
सबकुछ सिमट रहा है
ख्वाहिशें चाहते जरुरते
सपनों से दूर होकर
सपनों के शहर में आया हूं 
ज़र्रा ज़र्रा टटोलकर ज़िंदगी 
सिलवटों में मुस्कुराया हूं #selflove #moksha #selfrealisation #quarantineday11 #peacekillcorona
जमीं पर वक्त निकल आया मेरा  
पंखों को खोले, बाजू सुस्ताए
करवटों को गिन पा रहा हूं
वक्त को बाधने जा रहा हूं 
रुक सा गया है मौसम रोशनी धूप अंधेरा
दिये की बाती भी बहुत चल रही है आजकल
सबकुछ सिमट रहा है
ख्वाहिशें चाहते जरुरते
सपनों से दूर होकर
सपनों के शहर में आया हूं 
ज़र्रा ज़र्रा टटोलकर ज़िंदगी 
सिलवटों में मुस्कुराया हूं #selflove #moksha #selfrealisation #quarantineday11 #peacekillcorona
yashverma1416

Yash Verma

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