@सवालों का ढेर और _सन्नाटा भरा जवाब क्या फूलदार गुच्छे नहीं पूछते होंगे, माली से क्या गिटार के तार को शिकायत होगा, हाथों से क्या तर्जनी अँगुली थक नहीं जाती, गोल घेरों से असंख्य लोगों के असंख्य सवाल टकराते नहीं हवाओ से साँसों की लय क्या एक धुन में, गाती नहीं हजारों राग सोचो तो कुछ इंसान बिना सवाल जवाब किए मर जाते हैं कुछ के सवालों में जिंदगी, यू कट जाया करती है आखिर हरफनमौला फकीर, हर किसी की ख्वाहिश क्यु है गर वो ख्वाहिश की आखिरी हद है, फिर संशय क्यु है मैं पैमाना नहीं पहचानती, पर पहचान इतना कठिन क्यू है किसी दिन जब परिपक्व का पहाड़ा पढ़ूंगी, तो शायद भूल जाउंगी और ये एक एक का शायद दो का पहाड़ा, और उन्नीस का सहारा है ©Rumaisa #Lekhni #kavita #poem #Yuhi