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इक बेहद खूबसूरत ख्याल हो तुम सुबह की सुनहले किरण स

इक बेहद खूबसूरत ख्याल हो तुम
सुबह की सुनहले किरण सा
साँझ के ढलते सूरज सा
गोधूलि बेला में घर को लौटते
धूल से लतपथ बाल गोपाल सा
अपने नीड़ वापस लौटते पंछी सा
बस और कुछ नहीं...
जिसे मैं देख उसकी पाकीज़गी को
अपने रूह में महसूस कर सकती हूँ..!

©Aishani
  #Sirf khyal #tum#With Nojoto hindi
इक बेहद खूबसूरत ख्याल हो तुम
सुबह की सुनहले किरण सा
साँझ के ढलते सूरज सा
गोधूलि बेला में घर को लौटते
धूल से लतपथ बाल गोपाल सा
अपने नीड़ वापस लौटते पंछी सा
बस और कुछ नहीं...
जिसे मैं देख उसकी पाकीज़गी को
अपने रूह में महसूस कर सकती हूँ..!

©Aishani
  #Sirf khyal #tum#With Nojoto hindi