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Last decision मेरी मुहोब्बत ही काफ़ी है मुझे सज़ा दे

Last decision मेरी मुहोब्बत ही काफ़ी है मुझे सज़ा देने के वास्ते।
अब तू तो रहम कर मुझ पर ऐ खुदा खुदा के वास्ते।।

("शायद").
Last decision मेरी मुहोब्बत ही काफ़ी है मुझे सज़ा देने के वास्ते।
अब तू तो रहम कर मुझ पर ऐ खुदा खुदा के वास्ते।।

("शायद").