गम के, तम के, जीवन के, हर पल के। जज्बातों का वो" मसीहा ", "मौन" साधक सा" दृढ _ मुसाफिर "।। कुदरत" किरीट", केली कंठ बनकर" मारूत" का" पुतला"!, हाथो में ले "कलाओं" की" वरमाला"! वो "आशुतोष" सा युगों युगों तक, मुस्काता है!! हां "कलाकार"कभी नहीं मरता है!_२ सच मे" कलाविहीन" नर दी चर चरवाहा सा होता हैं। "अलंकरण "है नर का संसार "कलाओं" का! होता हैं "गुंजित गान ", ग़ज़ल रुदन सा करुण रस वो दे मुस्कान इस जग को गम औरो के हरता हैं । हां कलाकार कभी नहीं मरता है।_२ ©Ombhakat Mohan( kalam mewad ki) #आजादकलाकार meltingdown Beparwah Kunal Gorasiya Sindh khoso aasha Meena Vikash Mishra Vikash Mishra