अद्भुत,लुभावनीय दृश्य वो लगता है, जब कुहासे की चादर ओढे़ मौसम सजता है। हर चीज़ धुँधली,अस्पष्ट नज़र आती है जब प्रकृति ऩजरों से ओझल हो जाती है। आँखे सिर्फ खोजती है अपनों की संगत, चाहती है खुशियाँ और थोडी़ सी रंगत। 🌝प्रतियोगिता-103 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"कुहासे की चादर "🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I