विषय :- रक्षाबंधन ***************** देखो राखी आई है, ख़ुशियाँ घर में लाई है। भाई बहन का प्यार देख, वर्षा भी सुहाई है। भाई बहन के प्रेम की, डोर जो राखी से बँधी। भाई ने बहन की रक्षा करने की कसम खाई है। भाई बहन का ये त्योहार, आता है एक बार ही। साल भर की सारी खुशियाँ, राखी समेट लाई है। अपने भाई को चाँद-सूरज-तारों की उपमा देकर। बहन दुनिया के सारे अनमोल रत्न भी ठुकराई है। जीवन भर का अमर प्रेम है, सारे भाई बहनों का। जग की झूठी रीत में, कहो फिर कैसे वो पराई है। विषय :- रक्षाबंधन देखो राखी आई है, ख़ुशियाँ घर में लाई है। भाई बहन का प्यार देख, वर्षा भी सुहाई है। भाई बहन के प्रेम की, डोर जो राखी से बँधी। भाई ने बहन की रक्षा करने की कसम खाई है।