दूर से इक रोशनी का कतरा-स , हम तक पहुंच रहा था । उजाले की इक चुटकी-स , काली रात में इक हौसला था । फ़िर उसे भी , फ़ायदे की सागर में समा गुम जाना था । अंधेरी नगरी में , लापता हो जाना था । कश्मकश सी हैं , किसे सच्चा साथी मानूं ? सन्नाटें या शोर को चुनूं ! ©Anuradha Sharma #dare #life #brave #mislead #choose #oneliner #thoughts #yqquotes #Nojoto #Drown