बचपन की वो "याद" सुहानी है, बीत गई जो वो बात पुरानी है वो बाग बगीचों की "कहानी" है, उस मीठे आम की जुबानी है लहराता माँ का आँचल, डर और दर्द दूर होता, याद सुहानी है कन्धे पर "पिता" के बैठ झुला झूलते, एक अनुपम निशानी है वो दोस्तों के संग खेलना, दोस्ती असीम "प्रेम" की दीवानी है जोश में रहता था होश बचपन में, बिछुड़ी ख़ून से वो रवानी है चोट लगी जब भी माँ को परेशान ना करने की प्रेम कहानी है दोस्तो से रूठना, पल में मान जाना,मासूमियत की कहानी है प्रेम किया, प्रेम ने विरह गीत गाया, वो दर्द की रात पुरानी है बचपन की वो "याद" सुहानी है, बीत गई जो वो बात पुरानी है शीर्षक:_ खट्टी-मीठी यादें बचपन की वो "याद" सुहानी है, बीत गई जो वो बात पुरानी है वो बाग बगीचों की "कहानी" है, उस मीठे आम की जुबानी है लहराता माँ का आँचल, डर और दर्द दूर होता, याद सुहानी है कन्धे पर "पिता" के बैठ झुला झूलते, एक अनुपम निशानी है