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सुबह की धूप जब आये तुम्हारी याद आती है, घटा घनघोर

सुबह की धूप जब आये तुम्हारी याद आती है,
घटा घनघोर जब छाये तुम्हारी याद आती है।
बसंती बाग़ में कोयल का एक जोड़ा मधुर स्वर में,
मिलन के गीत जब गाये तुम्हारी याद आती है।
किसी भँवरे के चुम्बन से, कोई नवयौवना जैसे,
कली कोई जो मुस्काए तुम्हारी याद आती है।
जहां चाहत के दुश्मन हों वहां प्रेमी परिंदों का,
मुकम्मल प्रेम हो जाये तुम्हारी याद आती है।
तुम्हारी यादें मेरी सांसों में ऐसे समाहित हैं,
हर एक पल में सनम हाये तुम्हारी याद आती है।
तरसती हैं ये आंखें बादलों जैसे बरसती हैं,
तू आये या नहीं आये तुम्हारी याद आती है। #yqbaba #yqdidi #merikalamse #pravesh_kanha #ghazal #tumhari_yaad #हिंदी #तुम्हारीयाद
सुबह की धूप जब आये तुम्हारी याद आती है,
घटा घनघोर जब छाये तुम्हारी याद आती है।
बसंती बाग़ में कोयल का एक जोड़ा मधुर स्वर में,
मिलन के गीत जब गाये तुम्हारी याद आती है।
किसी भँवरे के चुम्बन से, कोई नवयौवना जैसे,
कली कोई जो मुस्काए तुम्हारी याद आती है।
जहां चाहत के दुश्मन हों वहां प्रेमी परिंदों का,
मुकम्मल प्रेम हो जाये तुम्हारी याद आती है।
तुम्हारी यादें मेरी सांसों में ऐसे समाहित हैं,
हर एक पल में सनम हाये तुम्हारी याद आती है।
तरसती हैं ये आंखें बादलों जैसे बरसती हैं,
तू आये या नहीं आये तुम्हारी याद आती है। #yqbaba #yqdidi #merikalamse #pravesh_kanha #ghazal #tumhari_yaad #हिंदी #तुम्हारीयाद