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क्या तुम समझे क्या ना समझे जो कुछ मैंने बोल दिया थ

क्या तुम समझे क्या ना समझे जो कुछ मैंने बोल दिया था
हृदय की बातें हृदय समझले इसीलिए तो छोड़ दिया था 
प्रिय,सखा तुम मित्र हो मेरे कैसे तुम को भूल जाऊंगा
दिन कोई भी याद करो तुम देखो फिर मैं लौट आऊंगा




छोड़ गया था तुम्हें अकेला कुछ बंदिश थी जाने को 
अब कोई ना रोक  सकेगा वापस से मिल जाने को
एक आवाज तो पुनः लगा दो, अवसर अब ना छोडूंगा
रही कसर मैं बाकी सारी टूटी कड़ियां जोडूंगा.... happy friendship day 
to all my near and dear friends
क्या तुम समझे क्या ना समझे जो कुछ मैंने बोल दिया था
हृदय की बातें हृदय समझले इसीलिए तो छोड़ दिया था 
प्रिय,सखा तुम मित्र हो मेरे कैसे तुम को भूल जाऊंगा
दिन कोई भी याद करो तुम देखो फिर मैं लौट आऊंगा




छोड़ गया था तुम्हें अकेला कुछ बंदिश थी जाने को 
अब कोई ना रोक  सकेगा वापस से मिल जाने को
एक आवाज तो पुनः लगा दो, अवसर अब ना छोडूंगा
रही कसर मैं बाकी सारी टूटी कड़ियां जोडूंगा.... happy friendship day 
to all my near and dear friends