किसी के लिए सुबह लिख दी, किसी के लिए शाम लिख दी। किसी के लिए ज़िंदगी लिख दी, किसी के लिए जान लिख दी। अपने पास अब कुछ बचा ही नहीं है अपना किसी के लिए कुछ पल लिख दिए, तो किसी के लिए उम्र तमाम लिख दी। ©Rahul Ashesh किसी के लिए सुबह लिख दी, किसी के लिए शाम लिख दी। किसी के लिए ज़िंदगी लिख दी, किसी के लिए जान लिख दी। अपने पास अब कुछ बचा ही नहीं है, किसी के लिए कुछ पल लिख दिए, तो किसी के लिए उम्र तमाम लिख दी।