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"दर्द बढ़ता है फिर भी मुस्कुराना होता है। जख्म गहर

"दर्द बढ़ता है फिर भी मुस्कुराना होता है।
 जख्म गहरे हों तो उन्हें छुपाना होता है।
 इश्क-ए-शहर में कोई अपना नहीं,प्रितम,
 झुठे लोगों से हमें हर सच बताना होता है।" #hotah Vijaya Singh
"दर्द बढ़ता है फिर भी मुस्कुराना होता है।
 जख्म गहरे हों तो उन्हें छुपाना होता है।
 इश्क-ए-शहर में कोई अपना नहीं,प्रितम,
 झुठे लोगों से हमें हर सच बताना होता है।" #hotah Vijaya Singh
pritam3158882477309

#pritam!

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