"दर्द बढ़ता है फिर भी मुस्कुराना होता है। जख्म गहरे हों तो उन्हें छुपाना होता है। इश्क-ए-शहर में कोई अपना नहीं,प्रितम, झुठे लोगों से हमें हर सच बताना होता है।" #hotah Vijaya Singh