दारू वारू बहुत पीते रहते हो कभी तुम उसके होठों का जाम पीयो तो जाने मीट मछली की पार्टी बहुत करते हो कभी माँ बाप के साथ दो रोटी खाओ तो जाने इधर उधर की बात बहुत करते हो कभी तुम उनसे अपने दिल की बात कहो तो जाने कितना झूठ उठ तुम बोल लेते हो कभी सच बात उन लोगों के बीच में कहो तो जाने कितना दिखावा उखावा कर लेते हो कभी पहले की तरह तुम लोगों के बीच में रहो तो जाने दारू वारू बहुत पीते रहते हो कभी तुम उसके होठों का जाम पीयो तो जाने मीट मछली की पार्टी बहुत करते हो कभी माँ बाप के साथ दो रोटी खाओ तो जाने इधर उधर की बात बहुत करते हो कभी तुम उनसे अपने दिल की बात कहो तो जाने