"आज मंदिर सज रहा" आज भारत बन रहा, आज मंदिर सज रहा शंख स्वाभिमान वाला, हर दिशा से बज रहा। राम तुम मन में हमेशा, थे - रहोगे और हो पर बिना मंदिर तुम्हारे, मन था तन को तज रहा। आज फिर गंगा हुई है, इस धरा पर अवतरित और तर्पण हो रहा है, आत्माओं का सभी जो न्योछावर हुए पथ पर, जीवन आंदोलनरत रहा। जीत न्याय की अटल है, ये सदा से है सुनिश्चित राम तुम से प्रेरणा पा, इसका भी धीरज रहा। फिर शिखर पर मत सनातन, हो सुशोभित सर्वदा फिर से भगवा लहराए गगन में, जो उपेक्षित ध्वज रहा। ये ध्वजा संदेश दे बस, शांति का गौरवमयी और कर दे घोषणा फिर- 'आज मंदिर सज रहा'। #NaveenMahajan आज मंदिर सज रहा #Ram_Navmi