दिल का कसूर न था, कसूर उस मौसम का था, जो आशिकाना थी। बारिश के उन बूंदों के बीच जब तुमसे नजारे मिली और दिल को तुमसे प्यार हुआ। कसूर दिल का न था, पर तेरी आंखों का था, जिनमे जादू थी, इनके मेरे नजरो से मिलते ही, दिल अपना सुझबुझ गवा बैठी, और तेरे रंग के रंगने लग गई। #love #rainyromance #yqdidi #yqquotes #yqbaba