बचपन और लोरी मां की लोरी, सुलाने का मुझे एक मीठा बहाना था इसे सुने बिना मेरी नींद का कहां अाना था.. लोरी में छुपा प्यार था गोंद मे प्यार की गरमाहट थी.. बाहों में भरकर, रातो को बैठकर मां हजारो बाते किया करती थी मां की गोद मे सिर रख सोना मानो सब दुख भूलकर ठंडी हवा का होना .. आज भी मां की गोद मे सिर रख सो लिया करती हूँ जब रखती है वो सिर पर हाथ मेरे तब हौंसला न कभी हारने की हिम्मत किया करती हूँ.. Love you so much Maa #BachpanAurLori ##Love you Maa 😘😘💖