कुछ सपने हसींन पल रहें हैं आँखों में... कुछ ख़्वाहिशें भी क़ैद थी इनके सिरहानों में। लबों पर रुके हुये थे कई अनकहे फ़साने.. यादों में क़ैद थे प्यार के वो रंगीन ज़मानें शब की चाँदनी में भीगी हुई रुत, सुबह की शबनम में नहाई हुई क़ायनात... ये सब मौसम के बदलते मिज़ाज का जादू है या तुम्हारी यादों में क़ैद मेरे वज़ूद का असर..... हवाओं ने जैसे ही दिल पर दस्तक़ दी, तुम्हारी चाहत के मौसम में भीग गया मेरा मन.... और यादों की डोर फिर तुम्हारे कऱीब होने का अहसास दिलाने लगी। इन्हीं दिनों में मिले थे हम- तुम, इसी रंगीन मौसम में हमने कई सपने बुने थे जब भी बरिशों की ये ग़ुलाबी शामें आती हैं तो कुछ ऐसी ही यादें साथ लाती हैं ... आजाओ की एक शाम तुम्हारे नाम कर दूं #कविता#शायरी#बारिश#मौसम#प्यार