आधी रात गुज़र गई थी ख़्वाब भी अपना आधा था मालिक का कुसूर नहीं था कच्चा मन्नत का धागा था सपनों को मकसद मिल जाए इतना ही तो माँगा था एक झटके में टूट गई वो जिस डोर को तुमसे बाँधा था... © abhishek trehan #आधीरात #आधाइश्क़ #कच्चेधागे #मन्नत #manawoawaratha #yqdidi #asetheticthoughts #restzone