Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक प्रेमिका का अपने प्रियतम को पत्र* मेरा तन-मन-ध

एक प्रेमिका का अपने प्रियतम को पत्र*

मेरा तन-मन-धन सब तुम्हारे लिये है।
मेरा हर स्वपन बस तुम्हारे लिये है।

तुम्हारे बिना हैं मेरे ख्वाब सब अधूरे।
तुमको ही पाकर होंगे ख्वाब सारे पूरे।

जब से गये हो मुझको छोड़के बिहारी।
तब से ही तड़पती है ये राधा तुम्हारी।।

इतना अधिक विरह मुझसे, अब होता न सहन।
आए न अगर प्रियतम हो जाऊँगी दहन।

जागती ही रहती आँखें ये सोती कहाँ हैं।
सागर तो सूख गया पर मोती कहाँ है।

कोई तो मेरे प्रियतम को ढूंढ कर के लाओ ना।
आओ सनम आखिर अब तो लौट आओ ना।
       ...shyam aao sanam aakhir ab to lout aao na.
एक प्रेमिका का अपने प्रियतम को पत्र*

मेरा तन-मन-धन सब तुम्हारे लिये है।
मेरा हर स्वपन बस तुम्हारे लिये है।

तुम्हारे बिना हैं मेरे ख्वाब सब अधूरे।
तुमको ही पाकर होंगे ख्वाब सारे पूरे।

जब से गये हो मुझको छोड़के बिहारी।
तब से ही तड़पती है ये राधा तुम्हारी।।

इतना अधिक विरह मुझसे, अब होता न सहन।
आए न अगर प्रियतम हो जाऊँगी दहन।

जागती ही रहती आँखें ये सोती कहाँ हैं।
सागर तो सूख गया पर मोती कहाँ है।

कोई तो मेरे प्रियतम को ढूंढ कर के लाओ ना।
आओ सनम आखिर अब तो लौट आओ ना।
       ...shyam aao sanam aakhir ab to lout aao na.