एक चींटी अगली दो टाँगों पर आधी कुचली देह ढो रही है चार दिन से भूखी बिल्ली प्रसव पीड़ा में कराहती है अकाल में किसी तालाब के कछुए पास गाँव में शरण को आए किंतु बिक गए एक गिलहरी पेड़ के सीने पर सिर रखकर सोई और फिर कभी नहीं उठी आत्मा पर आई आपदाओं से कोई सरकार नहीं बचाती -ek_khavb{shakti singh} #ekkhavb