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एक चींटी अगली दो टाँगों पर आधी कुचली देह ढो रही है

एक चींटी
अगली दो टाँगों पर
आधी कुचली देह ढो रही है

चार दिन से भूखी बिल्ली
प्रसव पीड़ा में कराहती है

अकाल में किसी तालाब के कछुए
पास गाँव में शरण को आए
किंतु बिक गए

एक गिलहरी पेड़ के सीने पर सिर रखकर सोई
और फिर कभी नहीं उठी 

आत्मा पर आई आपदाओं से
कोई सरकार नहीं बचाती
-ek_khavb{shakti singh} #ekkhavb
एक चींटी
अगली दो टाँगों पर
आधी कुचली देह ढो रही है

चार दिन से भूखी बिल्ली
प्रसव पीड़ा में कराहती है

अकाल में किसी तालाब के कछुए
पास गाँव में शरण को आए
किंतु बिक गए

एक गिलहरी पेड़ के सीने पर सिर रखकर सोई
और फिर कभी नहीं उठी 

आत्मा पर आई आपदाओं से
कोई सरकार नहीं बचाती
-ek_khavb{shakti singh} #ekkhavb