जख्मी इन पांवों का सफर अभी बाकी है भीतर से जो छू ले , खबर अभी बाकी है , प्यार का वो मंजर शजर अभी बाकी है दुनिया की बातों में चुभन की है मिलावट मेरी बातों की कड़वाहट अभी बाकी है , एक कशमकश की जुबां, जिदंगी बन गई कुछ कट गई, शेष की गुजर अभी बाकी है, उसके हाथ का खंजर कुछ कर नहीं पाया खुदा की रहमतों का असर अभी बाकी है । ©Madhu Rao (Maddy) I m on my way #allalone