सोचता हूँ तुम्हें सोचना छोड़ दूँ, तेरी तस्वीरों को देखना छोड़ दूँ अब तुझे याद करने से क्या फायदा, इस तरह रात भर जागना छोड़ दूँ ये अलग बात है कि अब रिस्ता नहीं, प्यार से क्यूँ मगर देखना छोड़ दूँ मेरी किस्मत में शायद नहीं है अब वो, क्या खुदा से तुझे मांगना छोड़ दूँ ❤️ सोचता हूँ तुम्हें सोचना छोड़ दूँ..