Nojoto: Largest Storytelling Platform

न पूछीये की कैसा, गुजरा है जीवन, हर सपनों से टूटा,

न पूछीये की कैसा, गुजरा है
जीवन, हर सपनों से टूटा, है
जीवन, मिला नही ,सुख घड़ी
भर का भी, यही गीत गाता 
है ,जीवन ,सपने गरीब के, कब
होते पूरे, रोशनी से, अब घबराता
 जीवन, संघर्ष अब कर नही 
सकता, चरम पर पहुँच गया
है, जीवन मिली नही सफलता
अब तक टूटा, फूटा रहता है जीवन, 
देखकर अमीरों को ,कोसता खुद 
 को क्यों ये जीवन, हमने क्या
किया गुनहा, पूछता रब से पल
पल जीवन 
, जन्मा हुँ, मै भी मर्जी से
तेरी, मुझसे फिर ,क्यूँ रूठा 
जीवन, मुझे चेनो सुख न मिला कभी
  और अंत आ गया , देखो जीवन
 न पूछो की केसा बीता है, जीवन
 बड़ी मुश्किलो से गुजरा है, जीवन

©पथिक
  रूठा जीवन

रूठा जीवन #कविता

264 Views