धुआँ धुआँ सी कहीं हो न जाये ज़िन्दगी, इस बनावटी दुनिया में डर सा लगता है, कही गुम न हो जाय इंसानियत आगे बढ़ने की चाह में, धुँआ धुँआ सी कही हो न जाये जिंदगी , पैसे कमाने की जद में,