चल चल उठ बन्दे तू ,आगे बढ़ पहले भास्कर सा दे उजाला फिर ढल चल चल उठ बन्दे तू ,आगे बढ़ चाहें लाख काँटे बिछे हो रहो में हिम्मत, धैर्य, लगन, से सदा आगे बढ़ ©sanjay jalim धैर्य