हमारे जिस्म में एक दिल धड़कता है नजाकत से मुख्तलिफ हो ही जाते हैं हम इस बेखुद जमाने से दीदार करने को फलक पर से जब फरिश्ते उतरते हैं कायनात रोशन होती हैं चिराग उम्मीद के जलते हैं मेरे होंठो पर तबस्सुम जब खिल कर आती हैं एक नूर सा चेहरे पर बरबस ले आती हैं नायाब होती हैं खुशियां कुछ पल की इस जमाने में एक तमक अधूरी सी है इस दिल के तहखाने में रूहानियत उनके चेहरे की दिल को लुभाती है इस दिल की शरर को हवा तो मिल ही जाती है हमारे जिस्म में एक दिल धड़कता है नजाकत से मुख्तलिफ हो ही जाते हैं हम इस बेखुद जमाने से दीदार करने को फलक पर से जब फरिश्ते उतरते हैं कायनात रोशन होती हैं चिराग उम्मीद के जलते हैं मेरे होंठो पर तबस्सुम जब खिल कर आती हैं एक नूर सा चेहरे पर बरबस ले आती हैं नायाब होती हैं खुशियां कुछ पल की इस जमाने में एक तमक अधूरी सी है इस दिल के तहखाने में