ख़्वाहिश एक बेटी की.. राजा दशरथ जब अपने चारों बेटों की बारात लेकर राजा जनक के द्वार पहुँचे तो राजा जनक ने सम्मान पूर्वक बारात का स्वागत किया। तभी दशरथ जी ने आगे बढ़कर राजा जनक जी के चरण छू लिये। राजा जनक जी ने दशरथ जी को थाम लिया ओर कहा महाराज आप बड़े हैं। वरपक्ष वाले है ये उल्टी गंगा कैसे बहा रहे हैं इस पर दशरथ जी ने बड़ी सुन्दरता से अपना भाव प्रकट कर कहा महाराज आप दाता है मैं तो याचक हूँ आपके द्वार पर कन्या लेने आया हूँ ।आप ही बताये दाता और याचक में कौन बड़ा है? यह सुनकर राजा जनक के नेत्रों में अश्रु छलक आये और बोले भाग्यशाली हैं वो घर जिनके बेटियाँ होती है हर बेटी के भाग्य में पिता होता है मगर हर पिता के भाग्य में बेटी नसीब से नसीब होती है। #tarunasharma0004 #yourquotebaba #yourquotedidi #lifequotes #betiya_anmol_hoti_hai #hindipoetry #trendingquotes