क्या ये पानी मुझे देख पाता होगा है जो इतना करीब मुझसे क्या मुझे छू पाता होगा मैं तो सुन पाती हु ये लहरों की आवाज़ क्या ये मुझे सुन पाता होगा काश मैं भी इन लहरों की तरह बह जाऊ न कोई मंजिल की फ़िक्र न कोई किनारा होगा सिर्फ हवाओ के साथ बहाना होगा #Jaya ©jaya lalwani