पट घ़ूंघट के खोल, पिया से मिलना होई। अवसर जाय अमोल, तूँ मोह नींद में सोई। सांचा कर सिंगार, त्याग दे कंचन काया घट में उपजे ज्ञान, शरण ब्रह्म के आया जाग अभागन जाग अब, जगत की झूठी आसा। सुरतां तज संसार अर,चलो पिवजी के पासा। ♥️अनुभूति के आंगन से ♥️ #dilkideharise छप्पय पट घ़ूँघट के खोल, पिया से मिलना होई। अवसर जाय अमोल, तू मोह नींद में सोई। सांचा कर सिंगार, त्याग दे कंचन काया घट में उपजे ज्ञान, शरण ब्रह्म के आया