बातें मुझे भी चुभती हैं,दिल मेरा भी दुखता है उम्मीदें टूटे जब भी,थोड़ा सा तो खलता है थोड़ा चुभता हैं,पर चलता है हर कोई हमारे पास नहीं,हम भी सब पर तो खास नहीं थोड़े टूटे,कुछ बिखरे से,मन में रखे एहसास यही तुम से तुम तक प्रेम रहा हैं,प्रेम रहेगा,जीवन भर अदना सी कोई,प्यास नहीं,मैं खास नहीं,कोई बात नहीं मुझको भी अब परवाह नहीं,कर ली जितनी करनी थी मेरी बस इतनी हस्ती थी करबद्ध प्रार्थना आशुतोष से,हित में तुम्हारे मौन रहेगी मेरा प्रेम अब मेरे हृदय में बन के,श्वास बस बहा करेगा लेकिन मुझ सा प्रेम भी तुम से,ढूंढो दुनिया,कोई कहा करेगा मैं द्वंद्वों में पली बढ़ी,आघातों ने मुझ को सींचा, उठ कर,गिर कर अपने अपनी,ज़िद पर मैंने चलना सीखा वहीं मुझे हैं छोड़ गया,जिस तक मैने रस्ता खींचा मान लिया,मान लिया नहीं प्रेम मेरे,हिस्से में नहीं अब आएगा तुम तो दिनकर,सकल पुंज हो,नया सूर्य उग जाएगा हा लेकिन जब शाम ढलेगी,मन थोड़ा घबराएगा पगली लड़की,मुझ जैसी कोई थी,याद भी आएगा रहो प्रबल तुम,नए,प्रभाकर नई रश्मियों में लिपटे मेरे सारे स्वप्न तुम्हारे मौन में घूट कर है सिमटे कितने यत्न कर के तुम से मैं दो बाते कर पाती थी बड़ा कठिन था बतलाना,मै केवल तुम को चाहती थी नित्य नियति ने मुझ से ऐसे विनोद हर बार किए मैं,मरहम को तरसी थी,इसने प्रहार सौ बार किए नहीं दोष कोई है तुम में,मै ही मूढ़ हु,मूर्ख भी हु रंजित अपने रक्त में ही,मै कही लाल और सुर्ख भी हु बस इतनी भोली भाली इच्छा थी, के कोई आएगा मैं भी कुछ क्षण बैठूंगी,थोड़ी छाया दे जाएगा मेरी वेदना,मेरी पीड़ा क्या कोई अब समझेगा मैने भी अब ओढ़ लिए इन मुस्कानों का पशमीना कुछ मेरे भय भी मुझ को तुम से दूर तो करते थे,कभी नहीं पढ़ा तुम ने ये नयन मेरे,मेरी व्यथा तो कहते थे अब बेकार है,बाते सब क्या पाना हैं और क्या खोना इक ये निश्चल हृदय मेरा,जिसमें केवल तुम बसते थे मैं,जीवन से मोह कोई अब बांध कभी ना पाऊंगी तुम को न स्वीकार हो फिर भी मै तो तुम को चाहूंगी चलो तुम्हारी ऊर्जा का बस इतना था संचार मुझे,इतना भी काफ़ी है,बहुत रहा आभार मुझे जीवन हैं,चलता रहता हैं,नए सफ़र पर चले कभी अंतर्द्वंदों से ऊपर उठ कर रहे मगन,घावों में भी मैं भी अपने दानावल से मुक्त कहा हो पाऊंगी कर्तव्यों के सघन युद्ध में अब इतिश्री हो जाऊंगी..... ©ashita pandey बेबाक़ #Newyear2025 लव शायरियां लव सैड शायरी लव शायरी