चढ़ा ये बुखार थोड़ा गहरा है तेरी पहली नजर पे मेरा दिल ये ठहरा है थोड़ी -थोड़ी बेचैनी है, साँसों की रफ्तार बढ़ रही है लगता है तेरी काजल वाली आँखे ले डूबी जा रही है समुद्र से ज्यादा नशा इसमें गहरा है तेरी पहली नजर पे मेरा दिल ये ठहरा है तुम जो घूर के इन आँखों से झूठा गुस्सा जो मुझे दिखाती हो फिर मुँह बनाके देख के मेरी ओर यू मुश्कुराती हो मैं हार बैठता हूँ सब कुछ तुम्हारी अदाओं पे हर पल में तुम मुझे याद जो आती हो तुम्हारे लिए अपना सब कुछ गँवा बैठा हूँ तुम मेरी जिंदगी हो और सुनो तू मेरी प्यार पहला है तेरी पहली नजर पे मेरा दिल ये ठहरा है रमाकान्त श्रीवास कोरबा