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महाभारत काव्य के निर्माता महर्षि व्यास के अनुसार कुरुक्षेत्र युद्ध समाप्त होने पर खुद महर्षि व्यास और उनके शिष्य ऋषि विश्वामित्र के साथ में इस परिसर में रहने के लिए आये थे। वह सभी दंडकारण्य जंगल में ध्यान करने के लिए आये थे।
जब उन्होंने गोदावरी नदी के तट पर ध्यान किया तो उन्हें इस बात का अहसास हुआ की यह जगह बहुत शांत है।
यहापर आने के बाद में देवी सरस्वती ने महर्षि व्यास को दर्शन दिए और उनसे तीनो देवियों महा सरस्वती, महालक्ष्मी और महाकाली के लिए मंदिर बन