Nojoto: Largest Storytelling Platform

जिंदगी की कश्मकश में, उलझकर रह गये हम, तुम्हारी या

जिंदगी की कश्मकश में,
उलझकर रह गये हम,
तुम्हारी यादों के सहारे,
तुम बिन जीना सीख गये हम।
कभी -कभी तुम्हारे साथ,
और तुम्हारे साथ जिए एहसास को,
फिर से महसूस करने के लिए,
तड़प जाते हैं हम,
पर यह एहसास होते ही,
कि अब यह मुमकिन नहीं,
तुम्हें याद करते -करते,
खुद में सिमट कर ,
रोते -रोते सो जाते हैं हम।

©Pragati Pushparaj
  #tadap