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ज़िन्दग़ी से वाक़िफ न था , जब तक वो मिले न थे। बन्

ज़िन्दग़ी से वाक़िफ न था , जब तक वो मिले न थे।
बन्दग़ी से वाक़िफ न था, जब तक वो मिले न थे।
फुरक़त से सनासाई न थी, न था दर्दो-ग़म से वास्ता,
आँसुओं से वाक़िफ न था, ज़िन्दग़ी मे ग़िले-शिक़वे न थे।

 नमस्कार लेखकों! 🌺

आज का WOTD (Word Of The Day)— वाक़िफ़ or aware.

🌻दिए गए शब्द का अपने लेखन में प्रयोग किजिये।

🌻अपने लेखन को आप अपनी मर्ज़ी मुताबिक हिंदी या English में अभिव्यक्त कर सकते हैं। (Both Hindi and English are allowed.)
ज़िन्दग़ी से वाक़िफ न था , जब तक वो मिले न थे।
बन्दग़ी से वाक़िफ न था, जब तक वो मिले न थे।
फुरक़त से सनासाई न थी, न था दर्दो-ग़म से वास्ता,
आँसुओं से वाक़िफ न था, ज़िन्दग़ी मे ग़िले-शिक़वे न थे।

 नमस्कार लेखकों! 🌺

आज का WOTD (Word Of The Day)— वाक़िफ़ or aware.

🌻दिए गए शब्द का अपने लेखन में प्रयोग किजिये।

🌻अपने लेखन को आप अपनी मर्ज़ी मुताबिक हिंदी या English में अभिव्यक्त कर सकते हैं। (Both Hindi and English are allowed.)