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जन्म लिया था एक सितारा,माह सितम्बर में। धूम मची रा

जन्म लिया था एक सितारा,माह सितम्बर में।
धूम मची राजपुर ग्राम में,जगमग अंबर में।।
सन् इकतीस तिथि सत्ताईस,दुष्यंत पधारे।
ग़ज़लों का फिर मान बढ़ाए,साहित्यिक तारे।।
भगवत सहाय नाम पिता का,रामकिशोरी माँ।
उम्र चवालीस जीवन अवधि,जाना सकल जहाँ।।
साये में वो धूप लगाकर,पर्वत पिघलाए।
करने वो गगन में सूराख,पत्थर उछलाए।।
फटेहाल देख एक भारत,सुने क्यों निरुत्तर।
बोला वह अभिमान देश पे,उसके ये उत्तर।।
तीस दिसंबर सन् पचहत्तर , तारक मौन हुआ।
कृतियाँ उसकी अमर अभी भी,जब वो गौण हुआ।।

©Bharat Bhushan pathak #dushyant_kumar_gazal#dushyant_kumar_Indian_poet poetry in hindi poetry lovers hindi poetry on life love poetry in hindi hindi poetry
जन्म लिया था एक सितारा,माह सितम्बर में।
धूम मची राजपुर ग्राम में,जगमग अंबर में।।
सन् इकतीस तिथि सत्ताईस,दुष्यंत पधारे।
ग़ज़लों का फिर मान बढ़ाए,साहित्यिक तारे।।
भगवत सहाय नाम पिता का,रामकिशोरी माँ।
उम्र चवालीस जीवन अवधि,जाना सकल जहाँ।।
साये में वो धूप लगाकर,पर्वत पिघलाए।
करने वो गगन में सूराख,पत्थर उछलाए।।
फटेहाल देख एक भारत,सुने क्यों निरुत्तर।
बोला वह अभिमान देश पे,उसके ये उत्तर।।
तीस दिसंबर सन् पचहत्तर , तारक मौन हुआ।
कृतियाँ उसकी अमर अभी भी,जब वो गौण हुआ।।

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