#सफ़र जिंदगी का.. सुनो तो..क्या तुम मेरे साथ चलोगे अंधेरी रात में जब मेरा अपना साया भी साथ छोड़ देगा क्या तुम मेरा अपना इंद्रधनु बनोगे जब मेरी आँखों से बरसात हो जाए क्या तुम मेरी सुबह की चाय बनोगे जिसके पहले घूँट से मेरी आँख खुल जाए क्या तुम मेरे ख्वाबों की ताबीर बनोगे वही ख्वाब ज्यों हर रोज इंतजार में रहता है रात के....नींद के.... क्या तुम मेरे मन के आंगन की सुनहरी गुनगुनी धूप बनोगे हर रोज मुझे ज्यों नए आसमां में पंख फैलाने में मेरी हिंमत बनेगी.... बता दो ना इक बार मुझे.... क्या तुम मेरी जिन्दगी बनोगे ज्यों मेरे साथ मेरे अन्तीम सांस तक का सफ़र कर पाएगी.... @शब्दभेदी किशोर ©शब्दवेडा किशोर #सफ़र_ए_ज़िंदगी