बिछड़ के मंजिल जो जुदा हुआ , तो पूछे कैसे हो ? मंजिल करीब सी थी मगर मारे नसीब से हो ! ये दिल कुछ ओर समझा था , जब उस ने मुझे पुकारा था , गलत कहां पे ही बैठे थे , ये सोच मैं खो गए , बैठ गया था में , उस के ही सामने , उसी को देखते हुए बेहाल ही गया , कहना चाहा मैं मगर , उस ने ही कह दिया , कैसे हो ? बिछड़ के मंजिल जो जुदा हुआ , तो पूछे कैसे हो ? मंजिल करीब सी थी मगर मारे नसीब से हो !!! .Suraj Sharma 🖊️ ( lafz_e_shayri ) ❤️❤️❤️ 🥺😔😔 #मंजिल_और_मुसाफ़िर #मंजिल #कहाँ_है #DesertWalk Suman Zaniyan