मन मोह के धागों से बंधा मन कभी शांत कभी बढ़ा ये चंचल मन कभी कमल के जैसे खिल जाता कभी धीर-गंभीर हो जाता मन भावों से भरा हुआ भावों का ही भूखा मन न जाने कितने मोह के धागों से है बंधा ये मन..... #मन #nojotohindi #nojoto #nojotolove