उड़ाती चली गई में, हर उस दर्द को, जो मुझे मिला, फूका मैंने जो एक कश, धुंआ-धुंआ हो गया, इत्र सा रम गया, यह शायराना समा, हर कश के संग, सुकून जो मिलता चला गया। #yqdidi #dhua #kashf #pyar #dard #udda #uda #sukoon