हो गए हैं सभी अब खानदानी लोग। दौलत देखकर करते हैं मेहरबानी लोग। यहाँ अपने अपनों से ही बिछड़ गए हैं। अब गैरों को याद रखते हैं जुबानी लोग। ©Zia Hasan #UskeHaath सूर्यकांत राठौर(Surya Rathore) akash shrivastav