मुसाफिर हां आएगी रुकावट तुम्हारे मंज़िल के बीच मगर ये भी याद रखना मंज़िल भी उन्ही रास्तो से हो कर गुजरी होंगी मंज़िल तक पहुंचने के लिए... मुसाफिर तू चलता जा मंज़िल भी मिलेगी तुझे जरूर तू कोई कागज की कस्ती नहीं जो इन तुफानो से हार जायेगा. तू एक चट्टान है, जो इनसे लड़ेगा भी, और जीत जायेगा... आएंगे रुकावट तेरे रास्ते पे मगर हल तुझे ही निकलना होगा संघर्ष की राह पर. जीत की मुहर तुझे ही लगाना होगा.. मुसाफिर तू चलता जा मंज़िल भी मिलेगी तुझे जरूर मंज़िल भी मिलेगी तुझे जरूर.... जो अगर थक गए, तो कुछ लोगो की बातो को याद कर लेना किस कदर उन्होंने तुम्हें निचा दिखाया था उस लम्हे को याद कर लेना... जो लोग तेरे हार का जश्न मना रहे उन्हें तू जीत के दिखा मुसाफिर तू चलता जा... मुसाफिर तू चलता जा... ये झूठी शाना और शोहरत वाली दुनिया है. यहाँ तेरा कोई नहीं देगा साथ बस भरोसा रख खुद पे और अपने मंज़िल के तलाश पे निकल जा मुसाफिर तू चलता जा... मंज़िल तेरे पास है फिर क्यों तू निराश है लोगो की झूठी बातो पे मत कर विश्वास तू खुद में खास है,. मुसाफिर तू चलता जा... अपने कर्मो को तू करता जा... मुसाफिर तू चलता जा... ©Akash Gupta Musafir #adventure #musafir