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तु अनजान शहर के बीच में अजनबीयो से घिरी है तु बे

तु अनजान शहर के बीच में 
अजनबीयो से घिरी है 
तु बेबस है लाचार है 
किस बात की मुश्किल है 
रोई हो दर्द में या तुझे रुलाया है 
कब तक सहोगी तुम भला 
हर मर्द के ख्याहिश के दवा 
समाज ने ठुकराया है 
बेगुनाह हो फिर भी फसाया है 
है दलदल वहाँ 
जहाँ रहती हो 
परायो के इशारो से हँसती हुँ 
कैसी तेरी हँसी है 
कैसा तेरा सब्र 
अभी भी रुकोगी तो जिंदगी जिओगी कब 
तुने सहा है अपने जिश्म पर दाग 
पर तु है पवित्र 
खुद को जरा पहचान 
मर्जी तेरी ना सही पर दर्द तेरा था 
खामोशी तेरी और तनहाईओ में महफ़िल था 
वेश्या के जख़्म जो तेरे लकिरो पे लगा था 
गलती तेरी ना सही पर तु है पवित्र 


Krity 💘







.

©Krity alfazo ki rani #Begunah #Dard_e_dil #Dva
तु अनजान शहर के बीच में 
अजनबीयो से घिरी है 
तु बेबस है लाचार है 
किस बात की मुश्किल है 
रोई हो दर्द में या तुझे रुलाया है 
कब तक सहोगी तुम भला 
हर मर्द के ख्याहिश के दवा 
समाज ने ठुकराया है 
बेगुनाह हो फिर भी फसाया है 
है दलदल वहाँ 
जहाँ रहती हो 
परायो के इशारो से हँसती हुँ 
कैसी तेरी हँसी है 
कैसा तेरा सब्र 
अभी भी रुकोगी तो जिंदगी जिओगी कब 
तुने सहा है अपने जिश्म पर दाग 
पर तु है पवित्र 
खुद को जरा पहचान 
मर्जी तेरी ना सही पर दर्द तेरा था 
खामोशी तेरी और तनहाईओ में महफ़िल था 
वेश्या के जख़्म जो तेरे लकिरो पे लगा था 
गलती तेरी ना सही पर तु है पवित्र 


Krity 💘







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©Krity alfazo ki rani #Begunah #Dard_e_dil #Dva