कभी सोचा है हर बार बोलती हूँ की,
बात ही नही करुगी , और फिर अगले ही पल मैसेज क्यू कर दिया करती हूँ ?
कभी सोचा है की तुम्हरे इतने नज़रंदाज़ करने पर भी,
मै तुम्हे हमेशा इम्पोर्टेन्ट क्यू दिया करती हूँ?
कभी सोचा है तुम्हरे हर जूठ को जानते हुए भी,
खामोश होकर उन्हे सच क्यू समझती हूँ? #Pk_writes