न बभूव पुरातनेषु तत्सदृशो नाद्यतनेषु दृश्यते । भविता किमनागतेषु वा न सुमेरोः सदृशो यथा गिरिः ॥ प्राचीन विद्वानों में शकर के समान कोई विद्वान नहीं हुआ और वर्तमान में भी ऐसा कोई दृष्टि में नहीं आता है तथा भविष्य के विद्वानों में क्या ही ऐसा कोई होगा? जिस तरह से सुमेरु के समान कोई पहाड़ त्रिकाल में नहीं है, उसी तरह शङ्कर के समान त्रिकाल में कोई विद्वान् नहीं है । ©KhaultiSyahi #oddone #Brahmamuhurat 4:59 A.M. #khaultisyahi #Sun ☀️ #Wakeup #Morning 🌞 #Coffee ☕ #Easter 🐰🥚🧺 #sunrays #Sunrise 🌄🌅🌇