Nojoto: Largest Storytelling Platform

उठाती हो जो तुम पलके, तो सुबह बिखर जाती है, तुम्हा

उठाती हो जो तुम पलके, तो सुबह बिखर जाती है,
तुम्हारी निगाहों के नूर में, दोपहर गुज़र जाती है।
झुकी नज़रों के नशे से शाम भी भर जाती है,
नींद बनकर ये रात तुम्हारी आँखों में उतर जाती है।

©Aarzoo smriti
  #raat v nind bnkar

#Raat v nind bnkar

126 Views